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वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर 22 वाँ दीक्षान्त समारोह, 05 नवम्बर , 2018

विद्यार्थी प्रमाणिकता के साथ आगे बढ़ेः राम नाईक
सफाई, भ्रष्टाचार के लिए नए दृष्टिकोण की जरूरतः प्रो. विक्रम कुमार


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 22 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व कुलाधिपति श्री राम नाईक जी ने प्रथम प्रयास में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने पर 58 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। माइकोलॉजी एवं पौध रोग विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में रहे प्रो0 उदय प्रताप सिंह को मानद उपाधि ‘‘डाक्टर आफ साइंस’’ से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में 116 पी-एच.डी. धारकों को उपाधि एवं गणित में डॉ सत्य प्रकाश सिंह को डी.एस-सी की उपाधि दी गई।
इस अवसर पर बतौर अध्यक्षीय संबोधन करते हुए विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति एवं पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा की गोल्ड मेडल और उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में जागरूक रहने की जरूरत है, क्योंकि अब आप के पँखोँ मेँ ताकत आ गई है और आकाश में उड़ान के दौरान काफी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा के दीक्षांत में शपथ लेना सरल है लेकिन उसे निभाना कठिन है। इसे निभाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है । उन्होंने सलाह दिया कि आप प्रमाणिकता एवं पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ो , असफलता के बारे में आत्मनिरीक्षण करो, अपने को अपडेट रखो तो उपलब्धियां आपके चरण चूमेगी। उन्होंने पूरे प्रदेश में उच्च शिक्षा का विश्लेषण करते हुए कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल और उपाधि पाने वालों में 51 फ़ीसदी छात्राएं हैं जोकि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत करतीँ है । उन्होंने कहा कि सन 2000 में सर्व शिक्षा अभियान की बुनियाद अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने रखी थी और वर्तमान की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा दिया, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों से हटकर दो बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में देखने को मिलती है, पहला खेल के क्षेत्र में और दूसरा केंपस प्लेसमेंट के क्षेत्र में आगे है जो कि सराहनीय कार्य है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि ‘‘शान्ति स्वरूप भटनागर’’ पुरस्कार से विभूषित राष्ट्रीय भौतिकीय प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन, भारत सरकार के डॉ0 राजा रमन्ना विशिष्ट फेलो प्रो0 विक्रम कुमार ने कहा कि दीक्षांत समारोह में आज का दिन विद्यार्थियों का दिन है उनके कठिन परिश्रम और परिणाम का दिन है। मुझे ऐसे ही युवाओं से मिलने और संवाद करने में खुशी का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक परिवर्तन ने समाज में एक बड़ा संरचनात्मक परिवर्तन किया है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। कहा कि हमें और भी वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता है क्योंकि हमें वैश्विक स्तर पर कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है जो कि मौलिक रूप से वैज्ञानिक है, वह चाहे जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संशोधन, खाद उत्पादन आतंकवाद से लेकर स्वास्थ्य गरीबी, भूख जैसी पारंपरिक समस्या क्यों ना हो, हर जगह विज्ञान की भूमिका है। आज के समय में आपके पास बहुत सारे मौके और करियर है निजी क्षेत्र ने व्यापक संभावनाओं के साथ अपने आप को एक महान नियोक्ता के रूप में विकसित किया है। देश में स्वरोजगार उद्यमिता एवं स्टार्टअप की असीम संभावना है। हमारे स्नातकों की पूरी दुनिया में मांग है, हमने अपने ज्ञान और कौशल के साथ दुनिया की मदद करके एक बड़ा व्यवसाय किया है। उन्होंने उपाधि धारको को ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में हमारे देश ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके बावजूद हमें सफाई और भ्रष्टाचार जैसे समस्याओं से निपटने के लिए एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है।
डीएससी की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले बीएचयू के प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह ने कहा की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फोरम में अमेरिका के खिलाफ लड़ाई लड़कर हमने नीम का पेटेंट वापस कराया , इस पर मेरा 4 रिसर्च पेपर प्रकाशित था, जिस कारण यह वापस हुआ हालांकि इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका दिल्ली की स्वयँसेवी संस्था वंदना शिवा ने निभाई।
कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं, देश के समस्त विश्वविद्यालयों की पंक्ति में सच्चे अर्थों में प्रमुख स्थान प्राप्त करे। ‘‘न त्वहं कामये राज्यं, न स्वर्गं ना पुनर्भवम्, कामये दुःख तत्वानां प्रणिना मर्तिनाशनम्’’ को सार्थक करने वाले हमारे छात्रों के महत्वपूर्ण अनुसन्धान ही विश्वविद्यालय को शीर्ष पटल पर रख देंगे।संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ0 मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद, प्रो.कीर्ति सिंह, प्रबंधक अशोक सिंह , डॉ यू पी सिंह ,डाँ.राधेश्याम सिंह ,डॉ राजीव प्रकाश सिँह, डॉक्टर समर बहादुर सिंह ,डॉ विजय सिंह डॉक्टर आलोक सिंह डॉ. गायत्री प्रसाद सिंह, विधायक बृजेश सिंह प्रिंसु, डॉ एस पी सिंह, डॉ राकेश यादव ,प्रो0 विलास ए तभाने, प्रो. बी.बी. तिवारी प्रो. रंजना प्रकाश, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बी.डी. शर्मा, डॉ. राजीव सिंह, डॉ.वीरेन्द्र विक्रम यादव, डॉ. राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. अनुराग मिश्र, सुरेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. के.एस. तोमर, अमलदार यादव, डॉ. संजय श्रीवास्तव, सुशील प्रजापति, डॉ. पी.के. सिंह कौशिक, डॉ. राजेश जैन सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
गतिमान के छठे अंक का राज्यपाल ने किया विमोचन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 22 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका के छठे अंक का विमोचन दीक्षांत समारोह में पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियों, स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत तमाम जानकारियां बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित की गयी है। पत्रिका के सम्पादन मण्डल में डॉ0 मनोज मिश्र, डॉ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ0 के0 तोमर एवं डॉ0 पुनीत धवन शामिल है।
राज्यपाल ने महिला छात्रावास और कोचिंग सेन्टर का किया उद्घाटन
जौनपुर। दीक्षांत समारोह में आये पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने संगोष्ठी भवन परिसर में महारानी लक्ष्मीबाई महिला छात्रावास तथा राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में तकनीकी उन्नत सिविल सर्विसेज कोचिंग सेन्टर का उद्घाटन किया।
गाँधी और वीर बहादुर सिंह को किया नमन
पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर स्थित वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा और गांधी वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
इन्हें मिला स्वर्ण पदक
स्नातक में कुल 16 विद्यार्थियों को पदक, 10 छात्र और 06 छात्राएं
प्रथम प्रयास में स्नातक कक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रगति राय, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में लक्ष्मीकांत, बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में हर्ष सिंह बघेल, बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीयूष कुमार यादव, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में वैभव श्रीवास्तव, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में दिव्या ओमार, बीफार्मा में मोहम्मद परबीन, बीसीए में निशांत श्रीवास्तव, बीबीए में सोनाली सोनी, कला में गौरव सिंह, बीएससी में उत्कर्ष सिंह, बीकॉम में अभिषेक पाठक, बीएससी कृषि में दिवाकर, बीपीई में सुधीर सिंह, एलएलबी में तहजीब जहां और बीएड श्रेया सिंह को पूर्व राज्यपाल राम नाईक के हाथों स्वर्ण पदक मिला।
परास्नातक में 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 28 छात्रायें और 14 छात्र
स्नातकोत्तर में एमसीए अंकिता श्रीवास्तव, एमएससी पर्यावरण विज्ञान में प्रगति तिवारी, एमएससी जैव प्रौद्योगिकी में अंकित मौर्य, एमएससी जैव रसायन में मनोज चौबे, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी आशीष शुक्ला, एमए एप्लाइड साइकोलॉजी में रेलुमल, एमबीए मोहित सिंह भटिया, एमबीए कृषि-व्यवसाय में अभिषेक सिंह, एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स में श्यामल श्रीवास्तव, एमबीए वित्त और नियंत्रण में नदीम अहमद खान, एमबीए एचआरडी में प्रीति मिश्रा, एमए मास कम्युनिकेशन में सोनम, एमकॉम में विवेक निषाद, एमएससी गणित में प्रीति, एमएससी प्राणि विज्ञान में श्रेया श्रीवास्तव, एमएससी भौतिक विज्ञान में अंशुका सिंह, एमएससी रसायन विज्ञान में रेशम खान, एमएससी बॉटनी में अंकिता सिंह, एमए सैन्य विज्ञान में पूनम पाठक , एमएससी एजी प्लांट पैथोलॉजी में पूजा पाल, एमएससी एजी बागवानी अंकुर कुमार सिंह, एमएससी एजी जेनेटिक्स एंड प्लांट प्रजनन में सुमन, एमएससी एजी एग्रोनोमी में सुजीत कुमार, एमएससी एजी कृषि अर्थशास्त्र में वीरेन्द्र कुमार, एमएससी एजी कृषि रसायन और मिट्टी विज्ञान में गणेश कुमार,एमएससी एजी एंटोमोलॉजी में ओम लता राव, एमएड में श्वेता श्रीवास्तव , एमए प्राचीन इतिहास में चंचल सिंह, एमए राजनीति विज्ञान में सिद्धार्थ सिंह, एमए हिंदी में सुषमा, एमए अर्थशास्त्र में अर्चना सिंह, एमए अंग्रेजी में सुजाता, एमए संस्कृत में सरोज यादव, एमए शिक्षा में अलका मौर्या, एमए होम साइंस फूड न्यूट्रिशियन में गारिमा सिंह, एमए होम साइंस ह्यूमन डेवलपमेंट में संध्या यादव, एमए मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में सुमन सिंह, एमए उर्दू में उम्मे साबा, एम ए मनोविज्ञान में विम्मी जायसवाल, एमए दर्शनशास्त्र में अवंतिका सिंह, एमए भूगोल में नेहा उपाध्याय, एमए समाजशास्त्र में शिंपी मिश्रा को स्वर्ण पदक मिला है।
115 शोधार्थियों को पी- एचडी, एक को मिली डी0 एस-सी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के २२वें दीक्षांत समारोह में पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक और कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने टीडी कॉलेज के गणित विषय के शिक्षक डॉ सत्य प्रकाश सिंह को कंट्रीब्यूशन ऑफ़ द थ्योरी ऑफ़ जनरलाइज़्ड बेसिक ह्यपरजोमेट्रिक सीरीज विषय पर डी0 एस-सी की उपाधि प्रदान की।
इसके साथ ही 115 शोधार्थियों को पी- एचडी की उपाधि मिली है । कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने शोधार्थियों को उपाधि के योग्य स्वीकारते हुए आदेश दिया कि आजीवन अपने को इस उपाधि के योग्य प्रमाणित करते रहे। कला संकाय में 84, विज्ञान संकाय में 21, शिक्षा संकाय में 8, कृषि संकाय में 01 एवं विधि संकाय में 01 शोधार्थी को पी- एचडी की उपाधि मिली।
समसामयिक परिदृश्य में एकात्म मानववाद विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी
पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की ओर से समसामयिक परिदृश्य में एकात्म मानववाद विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उप्र के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षामंत्री प्रो दिनेश शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि विश्वविद्यालय रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करें ताकि विद्यार्थियों को नौकरी का संकट न हो। इसी चलते पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पं दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना की जा रही है, क्योंकि पंडितजी का भी यही मकसद था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की स्थाई रूप से नियुक्ति की गई ताकि पठन-पाठन गुणवत्तापूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि जब पढ़ाई होगी तभी नकल नहीं होगी इसलिए इस पर जोर दिया गया है।
उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षा के क्षेत्र में नए कोर्स खोलने की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने कई सराहनीय कार्य किए है इसलिए मैं हर सँभव मदद विश्वविद्यालय को देने की कोशिश करूंगा। उन्होंने शोध पर कहा कि शोध कम हो कोई बात नहीं लेकिन वह स्तरीय हो। साथ ही शोधगंगा पर अपलोड किये जाये। उन्होंने कहा कि पुराना भवन तो चल सकता है मगर शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा के पाठ्यक्रम को पूर्वांचल विश्वविद्यालय लागू करे, सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह हमारी नीति है सबका साथ सबका विकास। इस शब्द को सबसे पहले पंडित दीनदयाल जी ने ही कहा था।
विशिष्ट अतिथि अरुन्धती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ के राष्ट्रीय संयोजक डा चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा हमारा राष्ट्र दैवीय है हमें अपनी प्राचीन परंपराओं को युवाओं के अनुकूल प्रयोग करना होगा। हमें अपने राष्ट्र की मूल प्रवृत्ति पर विचार करना होगा। उन्होंने मानव एकात्मवाद को विस्तारपूर्वक समझाते हुए कहा कि हमें देश की नीति बनाते समय शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा चारों का ध्यान रखना चाहिए, तभी व्यक्ति और देश का विकास संभव है।
विशिष्ट अतिथि नगर विकास राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ संस्थान के पाठ्यक्रम से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के नए पाठ्यक्रम से पूर्वांचल परिक्षेत्र लाभान्वित होगा।
कुलपति प्रो डा. राजाराम यादव ने मुख्य अतिथि का स्वागत भाषण करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री के स्नेह से यह विश्वविद्यालय हमेशा प्रगतिपथ पर अग्रसर है। विश्वविद्यालय में इस बार नव प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी हैं। 1500 विद्यार्थियों को शोध में प्रवेश हुआ। बेसिक साइंस के पाठ्यक्रम को शुरू किया गया । साथ ही 735 विद्यार्थियों का देश की विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट कराया। कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, सांसद और विधायकों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके पूर्व शोध पीठ के अध्यक्ष प्रो. मानस पांडेय ने मुख्य अतिथि, संयोजक डा राजकुमार एवं सहसंयोजक डा. संतोष कुमार ने दोनों विशिष्ट अतिथि का संक्षिप्त परिचय कराया। इस अवसर पर मछलीशहर के सांसद रामचरित्तर निषाद, जफराबाद के विधायक डा. हरेन्द्र सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिन्सू एवं भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय मंचस्थ रहे। समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। इसके बाद विश्वविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और कुलगीत प्रस्तुत किया । समारोह का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह , पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, बाकेलाल सोनकर, प्रो. बीबी तिवारी,प्रो. रंजना प्रकाश ,प्रो हरी प्रकाश डॉ कृष्णदत्त समाधिया , प्रो. अविनाश पार्थीडिकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी , प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. रामनारायण, प्रो. वंदना राय, श्रीमती कमला सिंह, प्रबंधक अशोक कुमार सिंह, पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह, भाजपा नेता शमशेर सिंह, संदीप तिवारी ,हरिशचंद्र सिंह, ईश्वरदेव सिंह, राजेश श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव , विनय कुमार सिंह , शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. राजीव प्रकाश सिंह, डॉ देवेंद्र सिंह ,डा. समर बहादुर सिंह, महामंत्री डा. विजय कुमार सिंह, , प्राचार्य विनोद कुमार सिंह, डा. वीरेन्द्र बिक्रम यादव, डा. मेजर सत्येंद्र प्रताप सिंह, डॉ लालजी त्रिपाठी ,डॉ यूपी सिंह ,डॉ विजय प्रताप तिवारी ,डा. राकेश यादव, डा. अजय दुबे, डॉ अनुराग मिश्रा ,डॉ देवेश उपाध्याय ,सुरेंद्र त्रिपाठी , डा. संदीप सिंह,डॉ प्रदीप कुमार, डॉ मनीष गुप्ता , डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह ,डॉ महेंद्र यादव ,डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. आशुतोष सिंह, डॉ प्रवीण सिंह ,डा. रूश्दा आजमी,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव , अन्नू त्यागी ,डॉ केएस तोमर , अमलदार यादव , स्वतंत्र कुमार , डॉ संजय श्रीवास्तव, डॉ पीके कौशिक , अशोक सिंह ,रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे।
मूर्ति का किया अनावरण
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ में स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रोफेसर दिनेश शर्मा ने किया। उन्होंने मूर्ति अनावरण के बाद हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ निश्चित तौर पर शोध को एक नई दिशा देगी। उच्च शिक्षा मंत्री के साथ कुलपति प्रोफेसर डॉ राजा राम यादव, नगर विकास मंत्री गिरीश चंद्र यादव, सांसद राम चरित्तर निषाद, डॉ चंद्र प्रकाश सिंह,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, भाजपा अध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय, प्रो मानस पांडेय, प्रो अजय द्विवेदी, डॉ राजकुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ अवध बिहारी सिंह,डॉ मनोज पांडेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
हैलीपैड पर कुलपति ने किया स्वागत

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में कुलपति प्रो. डा. राजाराम यादव ने उपमुख्यमंत्री प्रो. दिनेश शर्मा को बुके देकर स्वागत किया। पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया ।

32 प्रतिभागियों ने किया शोध पत्र एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण

विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के सभागार में संगोष्ठी‘समसामयिक परिदृश्य में एकात्म मानववाद’ के द्वितीय सत्र में शोध पत्र प्रस्तुति करण और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पोस्टर प्रतियोगिता में सलोनी सिंह, सुप्रिया श्रीवास्तव, अंबिका सिंह प्रथम, देवेश सिंह, आरती उपाध्याय एवं ईलू को द्वितीय , कुलबुल और जिया को तृतीय पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रतियोगता के निर्णायक मंडल में डा. चंद्रप्रकाश सिंह, डा. संतोष कुमार और डा. सुशील सिंह रहे। संगोष्ठी के द्वितीय सत्र का संयोजन डा. मुराद अली , डा. सुधीर उपाध्याय और शैलेश प्रजापति ने किया।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आशीर्वचन समारोह का हुआ आयोजन

विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को स्वामी रामदेव जी का विश्वविद्यालय की तरफ से अभिनंदन एवं आशीर्वचन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में स्वामी रामदेव ने लोगों में राष्ट्र भक्ति, योग प्रेम और नैतिकता का संचार किया। श्रोताओं को कभी हसाया को कभी गंभीर मुद्दों की चर्चा कर सोचने को विवश किया।

समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि योग वृक्ष में बीज की तरह काम करता है। हमारा मस्तिष्क भी योग से ही एक्टिवेट होता है। मनुष्य के भीतर अपरिमित ज्ञान एवं संवेदना है। जो मनुष्य अपने पिंडियों को जगा लेगा। वह नर से नारायण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं सभी समान हैं और सभी महान हैं। समाज में सभी के प्रति एक भाव रखना चाहिए। आज चिकित्सक भी योग की महत्ता को समझ गए हैं। योग हमारे पुरखों का ज्ञान है। मेडिकल साइंस सत्य है योग उससे भी परासत्य है। योग से शरीर के पूरे सिस्टम को व्यवस्थित किया जाता है। आज हमें साइंस के साथ वैदिक साइंस और गणित के साथ वैदिक गणित पढ़ने की जरूरत है तभी देश का भला हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में मति, भक्ति और कृति तीन चीजों का सामंजस्य हो जाए तो उसे महान बनने से कोई रोक नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि जिन जड़ी बूटियों को घास फुस समझ कर फेंक दिया जाता था आज उनसे हजारों करोड़ का साम्राज्य इस देश के लिए तैयार हुआ है और यह जड़ी बूटियां सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनी है।स्वामी रामदेव ने सभागार में उपस्थित श्रोताओं को मंच से ही योग कराया एवं भजन के माध्यम से राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा की।
स्वागत करते हुए कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्वामी रामदेव जी का आगमन बहुत गौरव की बात है। वैज्ञानिक युग में भी मनुष्य संत-महंत और हृषियों के आशीर्वाद से अपने जीवन ही नहीं मरने के बाद भी सब कुछ प्राप्त कर सकता है। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में 600 से अधिक विद्यार्थियों का कैंपस सलेक्शन हुआ है। आने वाले समय में महाविद्यालय के विद्यार्थियों के रोजगार के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्वामी रामदेव से कुलपति ने सहयोग की अपेक्षा की।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने स्वामी रामदेव को अभिनंदन पत्र, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने पतंजलि योग समिति के प्रभारी शशि भूषण को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ मानस पांडे द्वारा किया गया। विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों ने कुल गीत एवं राष्ट्र गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर डॉ आर बी त्रिपाठी, डॉ राकेश, संतोष दास, सुरेंद्र, वित्त अधिकारी एम के सिंह, प्रोफेसर बी डी शर्मा, प्रोफेसर बीबी तिवारी, प्रो अजय द्विवेदी, प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर,प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो रामनारायण, प्रो राजेश शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ राघवेंद्र पांडे, डॉ रसिकेश, डॉ संतोष कुमार, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ राकेश यादव,डॉ आशुतोष सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह , डॉ पुनीत धवन, डॉ के एस तोमर, संजय श्रीवास्तव, समेत तमाम क्षेत्रवासी विश्वविद्यालय के कर्मचारी शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर 21 वाँ दीक्षान्त समारोह, 22 जनवरी , 2018

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 21 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में किया गया। दीक्षांत समारोह में प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व कुलाधिपति श्री राम नाईक जी ने प्रथम प्रयास में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने पर 57 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसके साथ ही दिव्य सेवा मिशन हरिद्वार के अध्यक्ष आशीष गौतम को डी.लिट् की मानद उपाधि से विभूषित किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले के अनुपस्थिति में उन्हें डी. लॉज की मानद उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में 228 पी.एच-डी. धारकों को उपाधि एवं राजनीति शास्त्र विषय में डॉ. सुरेश कुमार सिंह को डी.लिट् की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक पद्म भूषण प्रोफेसर श्रीकृष्ण जोशी ने कहा कि आज गोल्ड मेडल और उच्च शिक्षा पाने वाले विद्यार्थी बहुत सौभाग्यशाली हैं क्योंकि हमारा भारत आज वाणिज्य और आर्थिक क्षेत्र में विश्व के शक्तिशाली देशों में शामिल है हमें युवाओं की ऊर्जा का इस्तेमाल देश को समृद्धशाली बनाने में करना चाहिए उन्होंने कहा कि आज देश चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है इसके लिए हमें अपने कार्य शैली जीवन शैली समेत अन्य पहलुओं में भी बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि 65 प्रतिशत बच्चे प्राइमरी के बाद ही अपनी शिक्षा बंद कर अन्य रोजगार में लग जाते हैं। उनका मानना है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी उन्होंने कहा कि बिग डाटा एनालिसिस के कारण निर्णय लेने की क्षमता व गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी नए उत्पाद न्यूनतम दरों पर उपलब्ध होंगे। इस बिग डाटा के विशिष्ट ज्ञान के क्षेत्र में गूगल माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेज़न, फेसबुक एवं अन्य कंपनियां काफी प्रचुर मात्रा में निवेश कर रही हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इस टेक्नोलॉजी द्वारा प्रत्येक नागरिक में सेवाओं सूचनाओं को प्राप्त करने उनका सशक्तिकरण किया जाएगा डिजिटल इंडिया मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस माध्यम से देश में सुरक्षित एवं संरक्षित स्थाई डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा सकता है.
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति एवं पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश के माननीय राम नाईक ने कहा कि गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों के लिए यह खुशी का दिन है। जो विद्यार्थी इस प्रतिस्पर्धा में छूट गए हैं, उन्हें हिम्मत रखकर चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। साथ ही असफलता का आत्म निरीक्षण करना चाहिए ऐसा करने वाला विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के लिए युवक सबसे बड़ी पूंजी है, इसका सही दिशा में उपयोग होना चाहिए।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर इसका उत्तर प्रदेश में 28 विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के प्रवेश के प्रतिशत का जिक्र करते हुए कहा कि छात्राएं, छात्रों के परीक्षा पढ़ाई में अत्यधिक आगे हैं और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में तो छात्राएं 67 प्रतिशत और 33 प्रतिशत छात्र अध्ययन कर रहे हैं। सभी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह समय पर होने से ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में शिक्षा की गाड़ी पटरी पर आ रही है।
श्री राम नाईक ने कहा कि अगले सत्र में 31 अक्टूबर तक दीक्षांत समारोह कराने की कोशिश की जाएगी। 12 फरवरी को लखनऊ में कुलपतियों की बैठक में दीक्षांत समारोह की समय सीमा को निश्चित किया जाएगा।उन्होंने विद्यार्थियों को नसीहत देते हुए कहा कि आज दीक्षांत समारोह में जो प्रतिज्ञा कि उसे वह अपने जीवन में गंभीरता से अमल करें और सदैव अपने माता- पिता और गुरुजनों का सम्मान करें।उन्होंने 1 जुलाई 2018 को 18 वर्ष पूरे होने करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने का सुझाव दिया। साथ ही 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाने की जानकारी दी उन्होंने कहा कि इस दिन 24000 करोड़ की लागत से 40 परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा।
कुलपति प्रो डॉ राजा राम यादव ने अपने सम्बोधन में सभी उपाधि तथा स्वर्णपदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अपने अनवरत परिश्रम के बल पर ज्ञान अर्जन कर जीवन का एक अहम पड़ाव पार किया है। ज्ञान का नवसृजन इस पीड़ी को निरन्तर नई दिशा की ओर अग्रसर करता रहेगा। प्रिय विद्यार्थियों आज आपने स्नातक, परास्नातक एवं पी-एच0डी0 की उपाधि को अर्जित कर अपने गुरूजनों, अभिभवकों एवं विश्वविद्यालय का सम्मान बढ़ाया है। हमारा प्रयास है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं, देश के समस्त विश्वविद्यालयों की पंक्ति में सच्चे अर्था में प्रमुख स्थान प्राप्त करे। उन्होंने अपने सम्बोधन में वर्तमान सत्र की विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को भी गिनाया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति इलाबाद उच्च न्यायालय दिनेश सिंह, प्रो. विलास ए तभाने, प्रो. बी.बी. तिवारी, प्रो. रंजना प्रकाश, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बी.डी. शर्मा, डॉ. राजीव सिंह, डॉ. देवेश उपाध्याय, डॉ. समर बहादुर सिंह, डॉ. विनोद सिंह, डॉ. विजय सिह, डॉ. वीरेन्द्र विक्रम यादव, डॉ. राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी, डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. अनुराग मिश्र, सुरेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. के.एस. तोमर, अमलदार यादव, डॉ. संजय श्रीवास्तव, सुशील प्रजापति, डॉ. पी.के. सिंह कौशिक, डॉ. राजेश जैन सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
गतिमान के पांचवे अंक का हुआ प्रकाशन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 21 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका के पांचवें अंक को वितरित किया गया। विश्वद्यालय के इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के एक वर्ष की गतिविधियों, स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत तमाम जानकारियां बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित की गयी है। पत्रिका के सम्पादन मण्डल में डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. के.एस. तोमर, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं डॉ. पुनीत धवन शामिल है।
हेलीपैड पर किया स्वागत
कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने श्री राज्यपाल महोदय का स्वागत हेलीपैड पर पुष्पगुच्छ देकर किया।
राज्यपाल ने संस्थानों क किया शिलान्यास
संगाष्ठी भवन परिसर में प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान एवं वैकल्पिक ऊर्जा शोध संस्थान का शिलान्यास किया। इस अवसर पर कुलसचिव संजीव सिंह व वित्त अधिकारी एम.के. सिंह ने बुके देकर राज्यपाल का स्वागत किया।
इन्हें मिला गोल्ड मेडल
स्नातक में सर्वोच्च अंक पाने पर 16 को मिला गोल्ड
बी.टेक. (कम्प्यूटर सांइस एण्ड इन्जीनियरिंग) में जया सचान, बी.टेक. (इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इन्जीनियरिंग) में अनन्त कुमार सिंह, बी.टेक. (इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी) में मुकेश कुमार तिवारी, बी.टेक. (इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग) में अंजली राय, बी.टेक. (मैकेनिकल इन्जीनियरिंग) में आकांक्षा यादव, बी.टेक. (इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेंटेशन इन्जीनियरिंग) में राहुल कुमार यादव, बी.फार्मा में प्रेम शंकर त्यागी,
बी.सी.ए. में अन्शु मित्रा, बी.बी.ए. में उज्मा परवीन, कला में सोनम यादव, विज्ञान में कु0 हेमा कुशवाहा, वाणिज्य में प्रिया त्रिपाठी, कृषि में अंकिता सिन्हा, बी.एस.सी. इन बी.पी.ई. में अमृतांश कुमार दूबे, एल.एल.बी. में सौरभ मणी, बी.एड. में उत्कर्ष सिंह को 21वें दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदक मिला।
स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने पर 41 को मिला गोल्ड
एम.सी.ए. में दीक्षा सिंह परमार, एम.एस.सी. (पर्यावरण विज्ञान) में साक्षी श्रीवास्तव,
एम.एस.सी. (बायोटेक्नोलाजी) में सोनम यादव, एम.एस.सी (बायोकेमेस्ट्री) में सिद्धी सिंह,
एम.एस.सी. (माइक्रोबायोलाजी) में निधि राय, एम.ए. (अप्लाइड साइकोलाजी) में अवनीश विश्वकर्मा
एम.बी.ए. में स्नेहा मौर्या, एम.बी.ए. (एग्री-बिजनेस) में विभान्शु सिंह, एम.बी.ए. (बिजनेस इकोनॉमिक्स) में शाम्भवी सिंह
एम.बी.ए. (फाइनेन्स एण्ड कन्ट्रोल) में शिखा दूब,े एम.बी.ए. (एच.आर.डी.) में शिवानी राय
एम.ए. (मास कम्युनिकेशन) में शयाली मौर्या, वाणिज्य संकाय में शिखा सिंह
कला संकाय (गणित) में आकांक्षा पाण्डेय, विज्ञान संकाय (प्राणी विज्ञान) में शाबिस्ता नाज़
विज्ञान संकाय (भौतिकी विज्ञान) में आकांक्षा अग्रवाल, विज्ञान संकाय (रसायन विज्ञान) में मनीष कुमार सिंह
विज्ञान संकाय (वनस्पति विज्ञान) में स्तुति कुशवाहा, कला संकाय में (सैन्य विज्ञान)
मधु सिंह में कृषि संकाय (प्लांट पैथोलॉजी), मिथिलेश कुमार पाण्डेय में कृषि संकाय (हार्टिकल्चर)
अनीश कुमार सिंह में कृषि संकाय (जेनेटिक्स एण्ड प्लांट ब्रीडिंग), अन्जली गोल्डी में कृषि संकाय (एग्रोनॉमी)
धनन्जय तिवारी में कृषि संकाय (एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स), चन्द्र प्रकाश सिंह में कृषि संकाय (एग्रीकल्चर केमेस्ट्री एण्ड स्वायल साइंस)
ओमकार कुमार में कृषि संकाय (इन्टोमोलॉजी), अजय कुमार पटेल में कला संकाय
(प्राचीन इतिहास) में शालिनी पाण्डेय, कला संकाय में (राजनीति शास्त्र)
नील कमल में कला संकाय (हिन्दी), अभिषेक यादव में कला संकाय (अर्थशास्त्र)
शुभम सिंह में कला संकाय (अंग्रेजी), शिवानी सिंह में कला संकाय (संस्कृत)
रिंकी सिंह में कला संकाय (शिक्षाशास्त्र), पुष्पा चौहान में कला संकाय
(गृह विज्ञान) (फुड न्यूट्री.), निधि पाठक
कला संकाय (गृह विज्ञान) (ह्यूमन डेव.) में अर्चना पाण्डेय, कला संकाय (म. कालीन और आधुनिक इतिहास) में दिलशाद अफरोज
कला संकाय (उर्दू) में अन्दलीब जहरा, कला संकाय (मनोविज्ञान) में सबा खातून, कला संकाय (दर्शन शास्त्र) में ओशिन खान
कला संकाय (भूगोल) में राहुल सिंह, कला संकाय (समाजशास्त्र) में प्रिया सिंह

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर बीसवां दीक्षान्त समारोह, 01 फरवरी, 2017

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का बीसवां दीक्षान्त समारोह 01 फरवरी, 2017 को बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश एवं माननीय पूर्व कुलाधिपति श्री रामनाईक ने की। इस अवसर पर उपाधिधारकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदैव प्रयासरत रहें। अपने लक्ष्य को कभी भी आंखों से ओझल न होने दें। उन्होंने कहा कि चिड़ियों का घोसला बनाने, अपने अण्डे को पालने एवं बच्चों को दाना चुगाने के बाद एक समय ऐसा भी आता है जब उनके पंखों में ताकत आती है और वे खुले आसमान में विचरण करते हैं। आप इससे सबक लें क्योंकि आज आपके पंखों में ताकत है एवं आप उड़ान के लिए तैयार हैं। आपके आकाश में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। अतः कठोर परिश्रम से ही आपको सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी शुरूआती दौर सफलताएं नहीं मिलती है तो उससे निराश न हों। ऐसे वक्त पर आत्मविश्लेषण करें। निश्चित रूप से आपको आगे जाने की शक्ति मिलेगी। 2025 में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत में होंगे। हम इस अवसर का लाभ उठायें और देश को अपना सर्वोच्च अर्पित करें।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ऐसा विश्वविद्यालय है जहां 61 फीसदी छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और स्वर्ण पदक के मामले में भी वह 63 फीसदी हैं। यह विश्वविद्यालय व प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि यहां शिक्षा के साथ-साथ खेल का स्तर भी उत्कृष्ट है। स्वास्थ्य के साथ-साथ ज्ञान के समन्वयन का भी केन्द्र यह विश्वविद्यालय है। इसी के परिणामस्वरूप लगातार पिछले तीन वर्षों से इस विश्वविद्यालय के खिलाड़ी राजभवन में सम्मानित हो रहे हैं।
उनका मानना है कि विद्यार्थी जीवन का मूल्य शपथ में निहित है। शपथ एक दीप स्तम्भ जैसा मार्गदर्शन करता है एवं लक्ष्य के प्रति सदैव सजग रखता है। आज उपाधि लेते वक्त विद्यार्थियों ने जो शपथ लिया है। अगर वह उसे याद रखेंगे तो उनके आगे का मार्ग और प्रशस्त होगा। उन्होंने अपनी कृति चरैवेति-चरैवेति का जिक्र करते हुए कहा कि सूर्य के प्रकाश की तरह सदैव चलायमान रहना चाहिए जो बैठा या सोया है उसका भाग्य भी सो जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से व्यक्तित्व विकास के 4 मंत्र दिये। उन्होंने कहा कि सदैव मुस्कुराते रहिए, दूसरों के कार्यों की सराहना की आदत डालिये, किसी की अवमानना न करें और कैसे और अच्छा हो सके उसका प्रयास करें।
अपने अभिभाषण के प्रारम्भ में श्री राज्यपाल ने कश्मीर में हुए हिमस्खलन में शहीद हुए सभी जवानों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अकादमी, नई दिल्ली एवं पूर्व निदेशक, इण्डियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन, बंगलोर पद्मश्री एवं पदम भूषण डाॅ0 बी0एन0 सुरेश ने दीक्षा ग्रहण प्राप्त सभी स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि आप अपने रूचि का भविष्य चुनें एवं इस समाज को सुन्दरतर बनाने का प्रयास करें। आज देश आपको ऐसे तमाम अवसर प्रदान करने की स्थिति में है जहां आप अपने-अपने क्षेत्र में अपने विकास की दिशा में ले जाएं। ऐसे अवसर का काफी रोमांचक होने के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण भी हैं। हर चुनौती को एक अवसर में बदलने का सुनहरा मौका आपके हाथों में जहां आप इस देश को सुन्दर ढं्रग से गढ़कर इसे विकसित देशों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर सकते हैं। चुनौतियां जीवन का आधार होती हैं। ये अवसर प्रदान करती हैं, हमें मजबूत और तेज बनाती है एवं साथ ही आगे बढ़ने का रास्ता साफ करती हैं। मेरा मन्तव्य है कि अगर हम चुनौतियों के भंवर जाल में नहीं कूदेंगे तो हमारे पास कुछ कर गुजरने का सुअवसर कहां से प्राप्त होगा। ऐसा करना हमें खुद को सशक्त बनाता है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के विचार को व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा जो मनुष्य को अपने पैरों पर खड़ा होने के योग्य न बना सके, वह उसमें आत्मविश्वास एवं आत्म सम्मान का संचरण नहीं कर सकती, वह शिक्षा अनुपयोगी है।
विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस अंचल में अवस्थित विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की अनेक भौगोलिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक विशिष्टताएँ हैं। यहाँ के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता है। उन्हें जीवन के प्रति आधुनिक विचारों के साथ नये-नये तकनीकी, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से प्रशिक्षित करते हुए जीवन की ऊँचाईयों को छूने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। बौद्धिक विकास की यह प्रयोगशाला, वीर बहादुर सिंह पूर्वा´चल विश्वविद्यालय अपने उद्देश्य एवं कर्Ÿाव्य के प्रति कटिबद्ध रहते हुए निरंतर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रकाश स्तम्भ की भाँति मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
कार्यक्रम के पूर्व अध्यक्ष, मुख्य अतिथि एवं कुलपति द्वारा महात्मा गांधी एवं वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की शुरूआत श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश द्वारा की गयी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कुलगीत की प्रस्तुति की। स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 59 विद्यार्थियों को मा. कुलाधिपति ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर 324 पीएचडी के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के माननीय सदस्यगण, कुलसचिव डाॅ. देवराज, वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, डाॅ. अजय प्रताप सिंह, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी.बी. सिंह, डा. देवेश उपाध्याय, डा. सर्वानंद पाण्डेय, डा. दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डा. एसपी ओझा, डा. विजय तिवारी, सुरेंद्र त्रिपाठी, डा. मानस पाण्डेय, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार सहित महाविद्यालयों के प्रबन्धक, महाविद्यालयों के प्राचार्य, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थीगण एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
–इनसेट–
राज्यपाल ने युवाओं को मतदान के लिए किया प्रेरित
जौनपुर। श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश ने युवाओें से सक्रिय रूप से मतदान में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान बहुत आवश्यक है। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के क्रम में मतदान के लिए जागरूकता पैदा करना आवश्यक है जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ सके।
  • 19th Convocation-2016
विश्वविद्यालय का उन्नीसवां दीक्षान्त समारोह 13 फरवरी, 2016 को बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया। समारोह के अध्यक्ष प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल एवं मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डा. प्रेमशंकर गोयल जी, मानद अति विशिष्ट प्रोफेसर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बेंगलुरू रहे। समारोह में 58 मेधावियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डा. प्रेमशंकर गोयल जी, मानद अति विशिष्ट प्रोफेसर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बेंगलुरू ने कहा कि हम प्रतिवर्ष 10 लाख नौकरी पाने वाले इंजीनियर पैदा करते है न की दक्ष इंजीनियर। हम विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करने हेतु तैयार करते है, न कि इंजीनियरिंग उत्पाद हेतु।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से लार्ड मैकाले की व्यवस्था का उद्देश्य ब्रिटिश भारत में सरकारी कार्य में अच्छे बाबू तैयार करना था, उसी प्रकार हमारी वर्तमान इंजीनियरिंग शिक्षा बहुराष्ट्रीय कर्मियों के लिए अच्छे श्रमिक तैयार करती है। भारतीय इंजीनियर विदेशों में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि हम विदेशों में जाकर अच्छा काम और नाम दोनों करते है मगर अपने देश में हम सिर्फ हाशिए पर ही दिखाई देते है। इसके लिए हमारे देश का वातावरण जिम्मेदार है या हमारी मनोवृत्ति। इस बात पर चिंतन करना होगा।

प्रो. गोयल का मानना हैं कि आज हम तेजी से बदलते हुए विश्व का हिस्सा हैं। दस सालों में होने वाले विकास ने पूर्व के 100 सालों के विकास को पीछे छोड़ दिया है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियरिंग अद्भुत बदलाव ला रही है। मोबाइल, जीपीएस, इंटरनेट, तकनीकी परिवर्तन के सूचक है। इंजीनियरिंग व्यक्ति, समाज और मानवता के उन्नयन के लिए सूक्ष्म और वृहद दोनों स्तर पर प्रयासरत है। हमारे जीवन का कोई भी क्षेत्र इंजीनियरिंग से अछूता नहीं है।

कुलाधिपति के रूप में समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि समाज के निर्धन वर्ग के बच्चों को धन की समस्या का सामना करना पड़ता है। हमें यह ध्यान देने की जरूरत है कि धन के अभाव में कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न हो, इससे राष्ट्र का नुकसान होगा। मेधावी युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था तब तक अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का दावा नहीं कर सकती जब तक वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी नहीं करती। पाठ्यक्रमों में एक दूरवर्ती कार्यक्रम शामिल करना लाभकारी होगा। इसमें समाज के उपेक्षित वर्गों और पड़ोसी समुदाय के साथ विद्यार्थियों को आपसी संवाद द्वारा जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे देश की उच्च परम्पराओं के अनुरूप कार्य करें। सूचना प्रौद्योगिकी ने विश्व भर के लोगों को एक साथ जोड़ दिया है। शिक्षा की पहुंच का विस्तार करने और इसकी गुणवत्ता सुधारने के लिए हमें ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सूचना और संचार माध्यमों की शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने उपाधिधारकों के लिए कहा कि आज जीवन का एक नया अध्याय प्रारम्भ कर रहे है, वास्तविक दुनिया में कदम रखते हुए सपनों को हकीकत में बदलने की चेष्टा कर रहे है। आपने सतत प्रयास एवं अध्ययन से एक महत्वपूर्ण मंजिल प्राप्त की है। दृढ़ निश्चय के साथ अपने परिवार समाज देश और मानवता के लिए जीवन को सार्थक बनाने की एक नई पहल करने का प्रायोजन करें।

बतौर कुलपति प्रो. डीडी दूबे ने कहा कि किसी भी शैक्षिक व्यवस्था में विश्वविद्यालय के संचालन के लिये आवश्यक है कि bottom-up approach अर्थात् आधारयुक्त नीति को अपनाते हुए कार्य संपादन किया जाय। भारत की परम्परागत शिक्षण प्रणाली में मातृभाषा हिन्दी, संस्कृत, गणित के साथ अंग्रेजी एवं वर्तमान में कम्प्यूटर शिक्षा को भी सामान्यतः समाहित किया गया है। इस आधारभूत शिक्षा प्रणाली को जीवन्त रखते हुए शिक्षा प्रणाली को अधिक सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है, ताकि हमारे विद्यार्थी भूमण्डलीकरण के युग में अपनी mŸkjthfork (Survival) बनाये रखने में सफल हो सकें। समस्त शिक्षकों एवं विश्वविद्यालय को इस सम्बन्ध में आत्ममंथन करना होगा। सुदृढ़, top-down approach से शीर्ष नेतृत्व, समय-समय पर दिशा निर्देश देते हुए नये मार्ग को प्रशस्त कर सकता है, ताकि परिवर्तन के प्रवाह के साथ-साथ नवयुवकों को अग्रसर किया जा सके।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय द्वारा सत्र 2015-16 में NAAC-मूल्यांकन के सम्बन्ध में LOI की स्वीकृति के बाद सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (SSR) प्रेषित की जा चुकी है। पीयर टीम के आगमन हेतु तैयारी प्रगति पर है। गुणवत्ता के लिए पारदर्षिता अनिवार्य तत्व है। इस हेतु सत्र 2014-15 में विष्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों का AISHE पर पंजीकरण पूर्ण हो चुका है। सत्र 2015-16 में पंजीकरण का कार्य प्रगति पर है। विष्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 में प्रदान की जाने वाली समस्त पी-एच0डी0 उपाधियों के शोध-प्रबन्धों को विष्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित ’षोधगंगा’ कार्यक्रम पर पंजीकृत कराया गया है। विष्वविद्यालय की वेबसाईट को पुनः रेखांकित किया जा रहा है। परीक्षा के सम्बन्ध में विष्वविद्यालय एवं समस्त सम्बद्ध महाविद्यालयों से आॅनलाईन आवेदन पत्र लेने के उपरान्त आॅनलाईन प्रवेषपत्र एवं इलेक्ट्रानिक मार्कषीट के वितरण की व्यवस्था पूर्ण कर ली गयी है। विगत परीक्षाओं एवं पंजीकरण के समस्त आँकड़ों के लिये एक डाटा-सेन्टर स्थापित करने की व्यवस्था की जा रही है। पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों को डिजिटल करने हेतु कार्य निरन्तर प्रगति पर है। ई-पुस्तकालय की स्थापना की गयी है। विष्वविद्यालय परिसर में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित करने हेतु एवं कान्फ्रेसिंग की सुविधा की प्रक्रिया प्रगति पर है। विष्वविद्यालय में आप्टिकल फाइबर का लोकल नेटवर्क समस्त प्रयोगषालाओं, कार्यालयों, कक्षाओं तथा छात्रावास के कमरों तक स्थापित है।

दीक्षान्त समारोह में सत्र 2014-2015 में विभिन्न विषयों के 58 सर्वोच्च अंक धारक विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इसके साथ ही दस संकायो के 339 शोधार्थियों को पी-एचडी. उपाधि प्रदान की गयी। इसके पूर्व मुख्य अतिथि, कुलपति द्वारा महात्मा गांधी एवं वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में ओपेन थिएटर मुक्तांगन एवं महिला छात्रावास के विस्तार यमनोत्री तथा ट्रांजिट हाॅस्टल-2 गंगोत्री का लोकार्पण मुख्य अतिथि ने किया।

इस अवसर पर कुलसचिव डा. देवराज, वित्त अधिकारी एमके सिंह, कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद सहित समस्त विधायी समितियों के सम्मानित सदस्यगण, पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद, पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह, प्रबंधक अशोक सिंह, पूर्व प्राचार्य डा. राधेश्याम सिंह, डा. देवेश उपाध्याय, डा. राजीव सिंह, डा. सर्वानंद पाण्डेय, पूर्व प्राचार्य डॉ लाल साहब सिंह ,डा. दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डा. दीदार सिंह यादव, डा. राकेश सिंह, डा. एसपी ओझा, डा. विजय तिवारी, डा. अनुराग मिश्र, डा. केडी सिंह, आनन्द मिश्र एडवोकेट, सुरेंद्र त्रिपाठी, संत लाल पाल, प्रो. वीके सिंह,प्रोफ़ेसर बी बी तिवारी , डा. मानस पाण्डेय, डा. अविनाश पाथर्डीकर,डॉ एच सी पुरोहित ,डॉ रजनीश भास्कर ,डॉ वी डी शर्मा ,डॉ अजय द्धिवेदी ,डॉ आशुतोष सिंह ,अमित वत्स ,डॉ संगीता साहू ,डॉ प्रदीप कुमार ,डॉ वंदना राय , डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रूश्दा आजमी,डॉ के एस तोमर ,रामजी सिंह ,सुबोध पाण्डेय ,लक्ष्मी प्रसाद मौर्या ,रहमतुल्लाह ,श्याम त्रिपाठी ,जगदम्बा मिश्रा ,डॉ पी के कौशिक ,रामसूरत यादव ,राजेश सिंह ,रजनीश सिंह ,अशोक चौहान ,दिग्विजय सिंह ,पंकज सिंह , सहित महाविद्यालयों के प्रबन्धक, महाविद्यालयों के प्राचार्य, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थीगण एवं अभिभावक आदि उपस्थित रहे।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह को इंटरनेट के माध्यम से लाइव किया गया। लाइव कार्यक्रम का संचालन श्री संजीव गंगवार एवं डॉ सौरभ पाल के निर्देशन में किया गया,जिसे विभिन्न हिस्सों में लोगों ने देखा।

इन्हें मिला गोल्ड मेडल
समारोह में 58 मेधावियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। जिसमें स्नातक में 16 और परास्नातक में 42 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिया गया। इनमें कुल 24 छात्र और 34 छात्राएं शामिल है।

जिनमें (बी.टेक.) कम्प्यूटर सांइस एण्ड इन्जीनियरिंग से सायमा बानो, (बी.टेक.) इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इन्जीनियरिंग में पियूष कुमार मिश्रा, (बी.टेक.) इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी में रिधीमा नन्द श्रीवास्तव, (बी.टेक.) इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग में रिचा पाल, (बी.टेक.) मैकेनिकल इन्जीनियरिंग में बलवन्त साहनी, (बी.टेक.) इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेंटेशन इन्जीनियरिंग में युवराज सिंह, बी.फार्मा में अनम बेग, बी.सी.ए. में सौरभ सिंह, बी.बी.ए. में सोनाली राय, कला वर्ग में उत्तरा यादव, विज्ञान वर्ग में दिव्या सिंह, वाणिज्य वर्ग में रिचा सिंह, कृषि वर्ग में अंजली सिंह, बी.एस.सी. इन बी.पी.ई. में चेतना सिंह, एल.एल.बी. में प्रतिभा वर्मा, बी.एड. में निवेदिता सिंह है।

स्नातकोत्तर स्तर पर 1 एम.सी.ए. में तृप्ती उपाध्याय, 2 एम.एस.सी. (पर्यावरण विज्ञान) में आकांक्षा उपाध्याय, 3 एम.एस.सी. (बायोटेक्नोलाजी) में मेघा श्री, 4 एम.एस.सी (बायोकेमेस्ट्री) में पायल सिंह, 5 एम.एस.सी. (माइक्रोबायोलाजी) में नितीश कुमार सिंह, 6 एम.ए. (अप्लाइड साइकोलाजी) में सुशील कुमार, 7 एम.बी.ए. में शाहिद जमाल, 8 एम.बी.ए. (एग्री-बिजनेस) में जामवन्त गौड़, 9 एम.बी.ए. (ई-कामर्स) में बरकत अली, 10 एम.बी.ए. (बिजनेस इकोनॉमिक्स) में अभिषेक कुमार सिंह, 11 एम.बी.ए. (फाइनेन्स एण्ड कन्ट्रोल) में आशुतोष कुमार अग्रवाल, 12 एम.बी.ए. (एच.आर.डी.) में ऐमान रहमान, 13 एम.ए. (मास कम्युनिकेशन) में अंकुर सिंह, 14 एम.एच.आर.डी. में नेहा सिंह, 15 वाणिज्य संकाय में फराह अमजद, 16 विज्ञान संकाय (गणित) में गरिमा, 17 विज्ञान संकाय (प्राणी विज्ञान) में चारूल यादव, 18 विज्ञान संकाय (भौतिकी विज्ञान) में जया श्रीवास्तव, 19 विज्ञान संकाय (रसायन विज्ञान) में शिवानी सिंह, 20 विज्ञान संकाय (वनस्पति विज्ञान) में आकांक्षा सिंह, 21 विज्ञान संकाय (सैन्य विज्ञान) में फरहाना यास्मीन, 22 कृषि संकाय (प्लांट पैथोलॉजी) में धीरज कुमार त्रिपाठी, 23 कृषि संकाय (हार्टिकल्चर) में अनुपम राय, 24 कृषि संकाय (जेर्नेटिक्स एण्ड प्लांट व्रीडिंग) में दिव्यांशी यादव, 25 कृषि संकाय (एग्रोनॉमी) में विपिन सिंह, 26 कृषि संकाय (एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स) में सीतेन्द्र गौतम, 27 कृषि संकाय (एग्रीकल्चर केमेस्ट्री एण्ड स्वायल साईंस) में अमित कुमार चन्देल, 28 कृषि संकाय (एंटोमोलाॅजी) देवप्रकाश पटेल, 29 कला संकाय (प्राचीन इतिहास) में अरूनेन्द्र मौर्य, 30 कला संकाय (राजनीति शास्त्र) में प्रिया मिश्रा, 31 कला संकाय (हिन्दी) में शिखा तिवारी, 32 कला संकाय (अर्थशास्त्र) में ज्योति चैरसिया, 33 कला संकाय (अंग्रेजी) में नसेहा फिरदौस, 34 कला संकाय (संस्कृत) में अन्नू कुशवाहा, 35 कला संकाय (शिक्षाशास्त्र) में ज्योति तिवारी, 36 कला संकाय (गृह विज्ञान) में अन्जू यादव, 37 कला संकाय (म. कालीन और आधुनिक इतिहास) में पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, 38 कला संकाय (उर्दू) में मारिया बानो, 39 कला संकाय (मनोविज्ञान) में शालिनी श्रीवास्तव, 40 कला संकाय (दर्शन शास्त्र) में शुभम पाण्डेय, 41 कला संकाय (भूगोल) में पूजा सिंह, 42 कला संकाय (समाजशास्त्र) में शिवा सिंह।
ओपन एयर थिएटर का हुआ उद्घाटन

ओपेन एयर थिएटर के उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियों की प्रस्तुति ने मनमोह लिया। शंखनाद के बीच उद्घाटन के पश्चात डेंटल कालेज आजमगढ़ की टीम की छात्र-छात्राओं ने रंगीला देश रंगीला पर मनमोहक नृत्य, जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने नाटक, इंजीनियरिंग संकाय के छात्रों ने मूकअभिव्यक्ति, मोहम्मद हसन पीजी कालेज के छात्रों ने राष्ट्र प्रेम की कौव्वाली प्रस्तुत की। पूरा वातावरण शंखनाद से गूंज उठा। सांस्कृतिक सचिव एचसी पुरोहित ने संचालन किया।

गतिमान 2016 नये कलेवर में
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रतिवर्ष प्रकाशित होने वाली पत्रिका गतिमान इस बार नये कलेवर में है। कुल 48 पेजों में सुसज्जित यह पत्रिका पूरे विश्वविद्यालय के वर्षभर की झांकी प्रस्तुत करती है। इस पत्रिका में जौनपुर के इतिहास सहित वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा है। इसके सम्पादक मण्डल में प्रो. बीबी तिवारी, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. केएस तोमर शामिल है।