परिचय
प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिक विज्ञान संस्थान के अध्ययन एवं अनुसंधान के दो शोध केंद्रों में से एक, नैनोविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना 2018 में की गई थी। नैनो प्रौद्योगिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक तेजी से उभरती और विकसित होती अंतःविषय शाखा है जो अपनी मूलभूत अवधारणाओं को विज्ञान की विभिन्न मुख्य शाखाओं जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैव विज्ञान और गणित आदि से प्राप्त करती है। इसमें भौतिक विज्ञान, चिकित्सा, दवा वितरण, ऊर्जा भंडारण और नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, कटैलिसीस, हरित हाइड्रोजन, पर्यावरण आदि से लेकर असंख्य क्षेत्रों में मौजूदा और संभावित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है। आने वाले वर्षों में हमारे देश के आर्थिक और वैज्ञानिक विकास में इसके महत्वपूर्ण योगदान की व्यापक उम्मीद है। केंद्र की स्थापना नैनो वैज्ञानिकों/संकाय और इससे जुड़े शोध विद्वानों द्वारा किया जाएगा।
विजन
हमारा विजन एक विश्व स्तरीय शोध केंद्र बनना है जो नैनोसाइंस और द्वारा प्रदान की गई अवधारणाओं और अवसरों का उपयोग करता है। मौलिक विज्ञान में समझ को आगे बढ़ाने और ऊर्जा, चिकित्सा, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यावरण और कृषि के क्षेत्रों में विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी।
मिशन
हमारे मिशन कथन हैं
- समाज के लाभ के लिए अंतःविषय शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना
- उन्नत अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त विभिन्न नवीन नैनोमैटेरियल का विकास और अनुकूलन
- युवा शोधकर्ताओं को नैनोटेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करना ताकि वे इस क्षेत्र के भावी नेता बन सकें
- केंद्र के लिए धन आकर्षित करना जो इसके अनुसंधान संभावनाओं की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा
चल रहे अनुसंधान क्षेत्र
- हरित हाइड्रोजन और पानी के लिए उत्प्रेरक विभाजन अभिक्रियाएँ
- आयनिक तरल पदार्थ
- रिचार्जेबल बैटरी
- गैस, आर्द्रता और मिट्टी की नमी सेंसर
- नैनोमटेरियल का जीवाणुरोधी अनुप्रयोग
- बायोसेंसर