परिचय
संस्थान के बारे में
दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। इसमें कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक अच्छा और सुसज्जित बुनियादी ढांचा है।
संस्थान की शुरुआत सत्र 2018-2019 से हुई थी। वर्तमान में, माननीय कुलपति प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में, प्रो. देवराज सिंह सोलह अन्य शिक्षकों के साथ संस्थान के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं।
संस्थान का मुख्य उद्देश्य कानूनी शिक्षा प्रदान करना और छात्रों को सामाजिक और कानूनी सेवाओं में लाना, उन्हें स्वरोजगार के लिए तैयार करना और उन्हें विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में प्लेसमेंट दिलाना है।
संस्थान अभी B.A., LL.B.(H) एवं LL.M. (2 वर्षीय पाठ्यक्रम) कार्यक्रम प्रदान कर रहा है। B.A.LL.B.(H) दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान द्वारा संचालित एक पाँच वर्षीय एकीकृत स्नातक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य कानून और कला के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना है। जिसमें छात्रों को विधि एवं राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र एवं अंग्रेजी आदि से संबंधित विषय पढ़ाए जाते हैं। पाठ्यक्रम व्यापक एवं बहुआयामी है, जो हमेशा से लोक प्रशासन के मुद्दों से आंतरिक रूप से जुड़ा रहा है तथा मानवीय एवं सामाजिक महत्व का है। पुस्तकों एवं व्यवहार में विषयों के बीच की खाई को पाटने के लिए अनुकूलित प्रयास किए जाते हैं। हमारा उद्देश्य छात्रों को लोकतांत्रिक परंपरा में सुशासन प्रदान करने में भाग लेने तथा जीवन के सभी पहलुओं में प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए तैयार करना है। एकीकृत बी.ए.एल.एल.बी. (एच) पाठ्यक्रम के भाग के रूप में, अभ्यर्थियों को कक्षा शिक्षण, केस स्टडी एवं मूट कोर्ट के माध्यम से विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं। संस्थान का पुस्तकालय सत्र 2018-19 में स्थापित किया गया था। इसमें 2000 से अधिक पुस्तकें तथा बड़ी संख्या में विधि रिपोर्ट, जर्नल एवं पत्रिकाएँ हैं। पुस्तकालय विधि अध्ययन में लगे छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विषयों में अनेक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन डेटाबेस सब्सक्राइब किए गए हैं। संस्थान में जरूरतमंद लोगों एवं समाज के वंचित वर्गों को विधिक सेवाएँ प्रदान करने के लिए एक विधिक सहायता क्लिनिक है। ये विस्तार कार्यक्रम विभाग के शैक्षणिक कार्यक्रमों का अभिन्न अंग हैं। विधिक सहायता क्लिनिक को उचित स्थान दिया जाता है तथा विद्यार्थियों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
विभाग क्षेत्र तथा देश की सेवा करने का प्रयास कर रहा है तथा राष्ट्र निर्माण में अपने प्रयास जारी रखना चाहता है।