परिचय
सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग वर्ष 2002 में एक आदर्श वाक्य के साथ अस्तित्व में आया, “सामान्य रूप से देश और विशेष रूप से पूर्वांचल क्षेत्र की सूक्ष्मजीव विज्ञान संबंधी मांग को पूरा करना, क्योंकि सूक्ष्मजीव विज्ञान विज्ञान की सबसे आदिम और चुनौतीपूर्ण शाखाओं में से एक है। विभाग पूर्णकालिक (2 वर्ष) मास्टर्स’ पाठ्यक्रम M.Sc. (सूक्ष्मजीव विज्ञान) चलाता है। विभाग बुनियादी और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे प्रशिक्षित छात्र भारत और विदेश के विभिन्न संस्थानों/विश्वविद्यालयों में अनुसंधान कर रहे हैं, जिनमें IMS, IT & Science (BHU), AIIMS, CDRI, ITRC, IIT (खड़गपुर), IMTECH, NBAIM, हैदराबाद विश्वविद्यालय, मैक्स प्लैंक संस्थान (जर्मनी) और सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी (दक्षिण कोरिया) शामिल हैं और वे विभिन्न MNCs के R&D, उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रभागों में भी योगदान दे रहे हैं। विभाग में संकाय कर्मचारी बेसिक माइक्रोबायोलॉजी से लेकर औद्योगिक माइक्रोबायोलॉजी तक विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों से हैं, जिसमें बायोप्रोसेस टेक्नोलॉजी और आणविक माइक्रोबायोलॉजी पर विशेष जोर दिया गया है। विभाग छात्रों के लिए सप्ताहांत के दौरान नियमित सेमिनार आयोजित करता है, जहाँ छात्र अपनी पसंद के विषय पर बोलते हैं, ताकि उनके भाषण कौशल का उपयोग किया जा सके और ज्वलंत मुद्दों और चुनौतियों के विभिन्न पहलुओं पर उनके बीच सामान्य जागरूकता पैदा की जा सके। छात्र नियमित रूप से विभाग/विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेते हैं। स्व-वित्तपोषित होने के कारण नेचर यूनिवर्सिटी ने खुद ही प्रवेश परीक्षा 'PUCAT' आयोजित की, जिसमें अधिकतम 20 छात्र शामिल हुए।