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संस्थान के निदेशक | वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत की आधिकारिक वेबसाइट

निदेशक का संदेश

Director

मुझे प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिक विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में आपका स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। यह एक ऐसा संस्थान है जो भौतिक विज्ञान के मौलिक एवं अनुप्रयुक्त दोनों पहलुओं के अध्ययन एवं शोध के लिए समर्पित है, ताकि प्रत्येक छात्र के बेहतर कैरियर की संभावनाओं के लिए उनके विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के परिसर में स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिक विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान राष्ट्रीय ख्याति का संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से वर्ष 2018 में की गई थी। यह संस्थान दूरदर्शी प्रो. राजेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि है, जिन्हें ‘रज्जू भैया’ के नाम से जाना जाता है, जो इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में भौतिकी विभाग के विशिष्ट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष थे। रज्जू भैया न केवल एक शिक्षाविद् थे, बल्कि एक विचारक, समाज सुधारक एवं कुशल संगठनकर्ता भी थे।

संस्थान की स्थापना से विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षा, छात्रों और समाज के लिए सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करना है, जिससे सभी मामलों में सार्वभौमिक विकास हो सके। संस्थान में भौतिकीय विज्ञान के चार पदार्थ हैं: भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और भू एवम ग्रहीय विज्ञान विभाग, जिनमें से प्रत्येक विभाग के एम.एससी. कार्यक्रमों, बी.एससी. (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित) और बी.एससी. (भौतिकी, गणित और भूविज्ञान) के लिए 60 छात्रों का प्रवेश है। संस्थान में एम.टेक. (सामग्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी) कार्यक्रम है, जिसमें 30 छात्रों का प्रवेश है। दो शोध केंद्र हैं, यानी नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र और अक्षय ऊर्जा अनुसंधान केंद्र। चारों विभागों और अनुसंधान केंद्रों में उन्नत स्तर के अनुसंधान करने के लिए अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ एसईएम-ईडीएस, एक्सआरडी, एफटीआईआर, यूवी विज़, एपीएस-100, टीपीएस-500एस जैसे उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाएँ हैं। संस्थान प्रत्येक छात्र के भीतर छिपी क्षमता को सामने लाने तथा उन्हें भविष्य की संपत्ति बनाने के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है, ताकि वे संस्थान छोड़ने के बाद आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हों। संस्थान उनके संचार कौशल, आलोचनात्मक सोच क्षमताओं, नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी की भावना का विस्तार करने के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करता है। छात्रों की रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाते हैं, ताकि वे समाज और देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकें। संस्थान में उच्च योग्य अनुभवी शोधकर्ताओं और समर्पित संकाय सदस्यों की एक टीम है, जो न केवल शिक्षण में बल्कि छात्रों के समग्र विकास के लिए भी अपना समय समर्पित करते हैं। हमें विश्वास है कि संस्थान से निकलने वाले छात्र शैक्षणिक रूप से मजबूत, आत्मविश्वासी और अच्छे नेतृत्व कौशल वाले होंगे।

मैं सभी भावी छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं।

प्रो० प्रमोद कुमार यादव

निदेशक