परिचय
परिचय वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के फार्मेसी संस्थान को उत्तर प्रदेश राज्य में फार्मास्युटिकल शिक्षा के एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित किया गया है। इस संस्थान ने 2004 से शुरू होकर 12 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी की है, जिसमें प्रयोगशालाओं और पुस्तकालय के वर्तमान उन्नयन तक का सफर शामिल है। संस्थान ने अपनी यात्रा के दौरान कई बाधाओं को पार किया है और सुस्पष्ट लक्ष्यों की ओर निरंतर प्रगति की है। प्रारंभिक विनम्र शुरुआत से लेकर आज फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा अनुमोदित एक पूर्ण विकसित संस्थान के रूप में उन्नति प्राप्त की है। संस्थान वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का स्ववित्तपोषित संस्थान है और हर वर्ष प्रशंसनीय व प्रतिष्ठित स्नातक फार्मासिस्टों को तैयार कर रहा है।
संस्थान की मजबूत आधारशिला इसके वरिष्ठ विद्वानों द्वारा रखी गई है, और अब यह विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी विभाग के सबसे बड़े संकाय समूहों में सबसे बड़ी है। अनुसंधान पत्रों, समीक्षात्मक लेखों, शैक्षणिक और अनुसंधान पुरस्कारों की एक अच्छी संख्या इसकी सफलता की कहानी को दर्शाती है। इसके अलावा, सम्मेलनों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं ने संस्थान की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
संस्थान का मुख्य फोकस बी.फार्मा पाठ्यक्रम पर है, और यह शीघ्र ही फार्मेसी प्रैक्टिस कोर्स और एम.फार्मा शुरू करने की योजना बना रहा है।
प्लेसमेंट परिदृश्य अत्यंत उत्साहजनक है, जिसमें 100% रोजगार की संभावनाएं हैं। यहां से स्नातक किए हुए छात्र उद्योग, अनुसंधान और विभिन्न व्यावसायिक सेवाओं में अत्यधिक मांग में रहते हैं। संस्थान के पूर्व छात्रों की सफलता को परंपरागत मानकों और मापदंडों से नहीं आंका जा सकता। उनकी नवाचार और उद्यमिता कौशल ने उन्हें भारतीय फार्मा जगत में अग्रणी स्थान दिलाया है। भारतीय फार्मा उद्योगों और अन्य फार्मा क्षेत्रों में उनकी भूमिका अभूतपूर्व रही है।
अंततः, फार्मेसी संस्थान एक शैक्षणिक रूप से समृद्ध और प्रगतिशील वातावरण प्रदान करता है, जहां शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए आवश्यक हर तत्व उपलब्ध है।