वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्र में स्थित है। वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परिसर में पढ़ने वाले लगभग सभी छात्र इंजीनियरिंग, फार्मेसी, प्रबंधन और विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों जैसे विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं।
विश्वविद्यालय के परिसर में 16-03-2015 को शुरू की गई उपचारात्मक कोचिंग अब विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अपना अधिकतम महत्व साबित कर रही है। यह कोचिंग विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्ग अर्थात अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमी लेयर), अल्पसंख्यक तथा बीपीएल कार्ड धारक सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जाती है। यह कोचिंग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली से प्राप्त वित्तीय सहायता से संचालित की जाती है। कोचिंग के उद्देश्य और लक्ष्य इस प्रकार हैं:
- विद्यार्थियों के शैक्षणिक कौशल, विभिन्न विषयों में भाषाई दक्षता को बढ़ाना तथा उनकी समझ के स्तर को ऊपर उठाना।
- उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए मजबूत आधार प्रदान करना तथा विद्यार्थियों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की दर को कम करना या रोकना।
- विद्यार्थियों को विषय के साथ-साथ पढ़ाई में उनकी सच्ची जिज्ञासा के लिए प्रेरित करना।
- विद्यार्थियों के संचार और व्यावसायिक कौशल में सुधार करना।
- उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना ताकि उज्ज्वल भविष्य के बाद वे समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।
कोचिंग निम्नलिखित समिति द्वारा संचालित की जाती है:
प्रो. राम नारायण, जैव प्रौद्योगिकी विभाग |
समन्वयक |
श्रीमती करुणा, कंप्यूटर प्रोग्रामर |
उप समन्वयक |
लगभग 400 विद्यार्थियों ने अपनी लंबित बी.टेक. इस कोचिंग के माध्यम से डिग्री प्राप्त की है और अब तक लगभग 600 छात्रों को इसका लाभ मिला है।