परिचय
उमा नाथ सिंह इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना वर्ष 1997 में तीन विभागों के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में की गई थी। प्रारंभ में, संस्थान ने 90 छात्रों की क्षमता के साथ अपनी शैक्षणिक गतिविधियाँ शुरू कीं। वर्ष 2002 में, संस्थान ने वार्षिक प्रवेश संख्या 90 से बढ़ाकर 180 कर दी। बहुत ही कम समय में, संस्थान ने छात्रों को प्रभावी शिक्षा प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ स्थापित कर लीं। यह संस्थान राज्य के सर्वश्रेष्ठ सुसज्जित संस्थानों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित हुआ। यह संस्थान पर्याप्त संख्या में संकाय सदस्यों और अन्य आवश्यक सुविधाओं जैसे कंप्यूटर सेंटर, फाइबर ऑप्टिक्स प्रयोगशाला, माइक्रोवेव प्रयोगशाला, इंस्ट्रूमेंटेशन सुविधाएँ, भाषा प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब और मैकेनिकल वर्कशॉप से सुसज्जित है।
विजन
- संस्थान में एक कार्यसंस्कृति का विकास करना, जहाँ छात्रों को प्रभावी सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए, जिससे वे अपने लक्ष्यों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें और उत्तर प्रदेश राज्य तथा देश को विश्व के मानचित्र पर एक प्रमुख अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित कर सकें।
- इंजीनियरिंग समुदाय में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना ताकि वे नैतिक, चारित्रिक और मूल्य-आधारित शिक्षा के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
मिशन
- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग के स्नातक छात्रों को प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करके इंजीनियरिंग और तकनीकी गतिविधियों की गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा प्राप्त करना।
- अनुसंधान और विकास के लिए एक व्यापक आधार तैयार करना और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग के उभरते क्षेत्रों में उच्च शिक्षा केंद्र स्थापित करना।
- क्षेत्रीय और राष्ट्रीय उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संस्थान-उद्योग संवाद को सुदृढ़ करना।
- प्रायोजित अनुसंधान, प्रशिक्षण और विस्तार गतिविधियों को बढ़ावा देना ताकि दूरसंचार और नेटवर्किंग के क्षेत्र में कुशल जनशक्ति तैयार की जा सके।
- नवीनतम तकनीकों के अनुप्रयोग और अत्याधुनिक ज्ञान के प्रसार के माध्यम से इंजीनियरिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कौशल क्षमता विकसित करना और प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करना।
- इस संस्थान को एक उत्कृष्ट अध्ययन और अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित करना, जिससे यह क्षेत्रीय उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक संसाधन केंद्र के रूप में भी कार्य कर सके।
विभाग
- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- सूचना प्रौद्योगिकी
- इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग