परिचय
भौतिकी विभाग की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी, जिसका उद्देश्य इंजीनियरिंग स्नातकों (बी.टेक.) को भौतिकी का ज्ञान प्रदान करना था। प्रारंभ में यह विभाग उमा नाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग शाखाओं के छात्रों के लिए शुरू किया गया था। वर्ष 2002 में इंजीनियरिंग की तीन नई शाखाएँ - मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शुरू की गईं।
विभाग में डॉक्टरेट (पीएच.डी.) कार्यक्रम सत्र 2017-18 में शुरू हुआ और वर्ष 2023 में एक शोधार्थी को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। वर्तमान में, विभाग में सात शोधार्थी पीएच.डी. के लिए नामांकित हैं। विभाग में दो प्रयोगशालाएँ हैं – एक बी.टेक. छात्रों के लिए एएस-106 में और दूसरी शोधार्थियों के लिए एएस-310 में स्थित है, जिसे "रिसर्च लैबोरेटरी" के नाम से जाना जाता है।
विभाग ने अनुसंधान परियोजनाओं और उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रकाशनों के माध्यम से शिक्षण, अनुसंधान और सीखने की उत्कृष्ट परंपरा को बनाए रखा है। विभिन्न एजेंसियों जैसे SERB, UGC और उत्तर प्रदेश सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त शोध परियोजनाओं पर कार्य किया गया है। विभाग के शिक्षकों ने कई शोध पत्र साइंस सिटेशन इंडेक्स (SCI) और अन्य प्रतिष्ठित पीयर-रिव्यूड जर्नल्स में प्रकाशित किए हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षकों ने आईसीटी (ICT) सुविधाओं का उपयोग कर ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी रूप से संचालित किया। विभाग का मुख्य उद्देश्य अंतर-विषयक और परिणाम-आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक संरचना स्थापित करना है तथा शिक्षकों और छात्रों को भारत और विदेशों में विभिन्न शोध गतिविधियों का अनुभव करने के लिए प्रेरित करना है।